चिरंजीवी योजना के अंतर्गत कीमोथेरेपी इलाज़ : महत्वपूर्ण जानकारी और आवेदन प्रक्रिया

कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका इलाज आम आदमी के लिए बहुत महंगा पड़ता है। मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना का उद्देश्य राज्य के गरीब और वंचित वर्ग के लोगों को मुफ्त और उच्च गुणवत्ता वाले स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। इस योजना के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के रोगों का इलाज, जैसे कि कैंसर, दिल से संबंधित बीमारियां, और अन्य गंभीर रोग, शामिल होते हैं। इस योजना के अंतर्गत कैंसर के रोगियों की निःशुल्क कीमोथेरेपी की जाती हैं।
कीमोथेरेपी इलाज़

चिरंजीवी योजना में कैंसर के इलाज़ के लिए आवश्यक दस्तावेज: 

  1. योजना में लाभ लेने के लिए मरीज का जनाधार कार्ड चालू होना अनिवार्य है। पात्रता मानदंड और आवेदन प्रक्रिया के बारे में संबंधित CMHO विभाग से संपर्क करे ।
  2. अगर मरीज किसी अनुमोदित अस्पताल में चिरंजीवी योजना से कैंसर का ईलाज लेना चाहते है तो उन्हें उसी दिन अपने जनाधार कार्ड / आधार कार्ड होने की सूचना TPA काउंटर पर सूचित करना अनिवार्य होगा।
  3. मरीज का जन आधार कार्ड चालू होना ज़रूरी है। चिरंजीवी में अगर आपका जन आधार कार्ड चालू है तो उसमे एंटाइटलमेंट का विवरण इस प्रकार होगा  - SMF / PAID / NFSA
  4. डॉक्टर की पर्ची होना अनिवार्य है जिसमे-
    • डॉक्टर द्वारा मरीज के बीमारी का डायग्नोसिस, 
    • साथ ही उसकी कंप्लेंट हिस्ट्री और पूर्व में कोई बीमारी है तो उसके बारे में स्पष्ट रूप से लिखा होना चाहिए,
    • मरीज को दिए जाने वाली कीमो की दवाइयों का विवरण होना चाहिए,
    • चिरंजीवी के कोड एवं डॉक्टर के सील (RMC No.) और हस्ताक्षर होना भी अनिवार्य है
  5. कैंसर में भी अलग अलग बीमारियों का इलाज चिरंजीवी योजना में किया जाता है। डॉक्टर द्वारा लिखित मरीज के बीमारी के अनुसार जाँचो को करवाना ज़रूरी है। बिना जाँचो के चिरंजीवी में इलाज लेना संभव नहीं है।
  6. जन आधार, आधार और मेडिकल डाक्यूमेंट्स में मरीज का नाम एक ही होने चाहिए। नाम अगर मेल नहीं होता तो मरीज को एक एफिडेविट जमा करवाना अनिवार्य होगा।
चिरंजीवी योजना

आवेदन प्रक्रिया:

1.  सबसे पहले मरीज के अस्पताल द्वारा मेडिकल दस्तावेज देखे जाते है।  जिसमे पूर्ण डॉक्टर की पर्ची एवं बीमारी से संबंधित जाँचो पर डॉक्टर के सील और हस्ताक्षर साथ ही डॉक्टर का रजिस्ट्रेशन नंबर (RMC) लिखा होना अनिवार्य है।  
2. चिरंजीवी में कैंसर के अंतर्गत अलग अलग बीमारियों के इलाज दिए जाते है। मरीज को बीमारी के अनुसार भर्ती से पूर्व जांचे करवाना अनिवार्य है। इको एवं रेडियोलोजी रिपोर्ट्स के साथ उनकी फिल्म होना भी अनिवार्य है। 
बीमारियों की सूचि के साथ उसमे होने वाली जाँचो की सूचि के लिए आप चिरंजीवी की ऑफिसियल साइट पर देख सकते है। 
3. मरीज के भर्ती के समय चिरंजीवी योजना के अंतर्गत, मरीज की फोटो एवं बायोमेट्रिक की प्रक्रिया की जाती है। इसमें अस्पताल द्वारा मरीज के दस्तावेज पोर्टल के माध्यम से आगे चिरंजीवी में भेजे जाते है। पोर्टल पर आगे से अप्रूवल मिलने के बाद ही मरीज को कीमोथेरेपी दी जाती है (इमरजेंसी के केस में अप्रूवल की प्रतीक्षा नहीं की जाती है।)। अप्रूवल मिलने का समय लगभग 2 से 4 घंटे रहता है। भर्ती की यह पूरी प्रक्रिया एक मरीज के लिए लगभग 15 से 20 मिनट रहती है। 
4. डिस्चार्ज के समय अस्पताल द्वारा दस्तावेज तैयार किये जाते है जिन्हे मरीज की लाइव फोटो एवं डॉक्टर के साथ भी मरीज की फोटो पोर्टल पर अपलोड की जाती है। साथ ही मरीज का फीडबैक फॉर्म मरीज द्वारा भरवाकर उसे पोर्टल पर अपलोड किया जाता है।  

क्या करें

  • डॉक्टर परामर्श जरूर करवाए । डॉक्टर परामर्श होने के बाद ही मरीज का इलाज योजना के अंतर्गत संभव हो पायेगा।
  • योजना के अंतर्गत केवल भर्ती रहने पर ही इलाज मुफ्त होता है ।
  • इलाज के लिए मरीज को जाँचे भर्ती से पूर्व करवाना अनिवार्य है। बिना जाँचो के प्री अप्रूवल लेना संभव नहीं है। जाँच में Echo, X-RAY, CT, या MRI है तो इनकी रिपोर्ट और फिल्म होना ज़रूरी है, साथ ही संबंधित डॉक्टर के हस्ताक्षर एवं सील के साथ डॉक्टर का रजिस्ट्रेशन नंबर होना भी अनिवार्य है।
  • मरीज का जनाधार कार्ड और आधार कार्ड होना अनिवार्य है एवं जनाधार कार्ड में आधार कार्ड नंबर अपडेट होना भी अनिवार्य है।
  • योजना का लाभ केवल MMCSBY अनुमोदित अस्पताल में ही लिया जा सकता है ।

क्या न करें

  • OPD में चिरंजीवी के अंतर्गत कैशलेस सुविधा नहीं दी जाती है।
  • अपरिपूर्ण जाँचो एवं डॉक्टर की पर्ची के साथ चिरंजीवी योजना के तहत इलाज संभव नहीं है।
  • चिरंजीवी योजना के तहत मरीज का इलाज निशुल्क होता है। इसमें मरीज को किसी भी प्रकार की राशि जमा करवाने की आवश्यकता नहीं होती है।
  • जनाधार, आधार और मेडिकल डाक्यूमेंट्स में मरीज का नाम एक ही होने चाहिए।
  • इस योजना के अंतर्गत इलाज लेने के लिए मरीज को धैर्य रखना आवश्यक है क्योकि इसमें अस्पताल को दस्तावेजों की प्रक्रिया में समय लग सकता है। किसी भी प्रकार की हिंसा अस्पताल कर्मचारियों के साथ न करे।  
जीत हॉस्पिटल का ऑन्कोलॉजी विभाग कैंसर के निदान, उपचार और रोकथाम में माहिर है। जीट हॉस्पिटल के ऑन्कोलॉजी विभाग में मरीजों को व्यापक देखभाल प्रदान करने के लिए चिकित्सा विशेषज्ञ और स्वास्थ्य सेवा देने वाले हैं। जीत हॉस्पिटल ने राज्य के कई नागरिकों को चिरंजीवी योजना के अंतर्गत मुफ्त कीमोथेरेपी इलाज प्रदान किया है। यह हॉस्पिटल कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज प्रदान करने में माहिर है और उन्होंने इस योजना के अंतर्गत कई मरीजों को उनके जीवन में नई उम्मीद दी है। चिरंजीवी योजना में मुफ्त कीमोथेरेपी के लिए आप जीत हॉस्पिटल में इस नंबर 9950059980  पर संपर्क कर सकते है।

Previous
Previous

Ten common skin conditions & their treatment options

Next
Next

Radiation Therapy for Brain Tumors: Advances in Technology and Treatment