कैथेटराइजेशन प्रयोगशाला (कैथ लैब) का परिचय और मुख्य प्रक्रियाओं का विस्तृत विवरण

केथ लैब क्या है ?

कैथेटराइजेशन प्रयोगशाला, जिसे आमतौर पर कैथ लैब के नाम से जाना जाता है, कैथेटराइजेशन प्रयोगशाला (कैथ लैब) चिकित्सा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान है, जहाँ हृदय और अन्य अंगों के निदान और उपचार के लिए मिनिमल इनवेसिव प्रक्रियाएँ की जाती हैं। इसमें, एक पतली ट्यूब (कैथेटर) को रक्त वाहिकाओं के माध्यम से विशेष स्थानों तक पहुँचाया जाता है। इसका उपयोग हृदय की धमनियों की जांच, स्टेंट प्लेसमेंट, और वाल्व रिपेयर जैसी प्रक्रियाओं में होता है। कैथ लैब में उच्च तकनीकी उपकरण और विशेषज्ञ टीम होती है, जो मरीजों को सुरक्षित और प्रभावी उपचार प्रदान करते हैं। यह लैब हृदय रोगों की समय पर पहचान और उपचार में क्रांतिकारी भूमिका निभाती है।

कैथ लैब की मुख्य प्रक्रियाएं:

  • कोरोनरी एंजियोग्राफी: यह प्रक्रिया हृदय की धमनियों में रक्त प्रवाह की जांच के लिए की जाती है। इसमें एक कैथेटर को हृदय की धमनियों तक पहुंचाया जाता है और एक विशेष प्रकार का डाई (contrast) इंजेक्ट किया जाता है जिससे एक्स-रे इमेजिंग के द्वारा धमनियों की संरचना और कार्य का आकलन किया जा सकता है।

  • बैलून एंजियोप्लास्टी: यह प्रक्रिया धमनियों में रुकावट को खोलने के लिए की जाती है। एक छोटे बैलून को कैथेटर के माध्यम से रुकावट वाले स्थान पर पहुंचाया जाता है और फिर इसे फुलाया जाता है ताकि धमनी को खोला जा सके।

  • स्टेंट प्लेसमेंट: एंजियोप्लास्टी के बाद, अक्सर एक स्टेंट (एक छोटी धातु की जाली) को धमनी में स्थापित किया जाता है ताकि यह खुली रहे और भविष्य में रुकावट की संभावना को कम किया जा सके।

  • इलेक्ट्रोफिजियोलॉजिकल स्टडीज: यह प्रक्रिया हृदय की विद्युतीय गतिविधि का अध्ययन करने के लिए की जाती है। इसमें विशेष कैथेटर का उपयोग करके हृदय के विभिन्न हिस्सों में विद्युतीय सिग्नलों को मापा जाता है।

  • कार्डियक कैथेटराइजेशन: इस प्रक्रिया में, एक लंबी और पतली ट्यूब (कैथेटर) को हृदय की धमनियों और वाल्वों तक पहुंचाने के लिए उपयोग किया जाता है। इससे हृदय की कार्यप्रणाली और रक्त प्रवाह का अध्ययन किया जा सकता है।

  • पर्क्यूटेनियस कोरोनरी इंटरवेंशन (PCI): इसे एंजियोप्लास्टी भी कहा जाता है। यह प्रक्रिया कोरोनरी एंजियोग्राफी के बाद अवरुद्ध या संकरी हृदय की धमनियों को खोलने के लिए की जाती है। एक बैलून कैथेटर का उपयोग करके धमनी को फैलाया जाता है, और अक्सर एक स्टेंट (एक छोटा मेटल ट्यूब) डाला जाता है ताकि धमनी खुली रहे।

  • एंडोवास्कुलर एन्यूरिज्म रिपेयर (EVAR): यह प्रक्रिया धमनियों में एन्यूरिज्म (धमनी की दीवार का फैलाव) के इलाज के लिए की जाती है। एक स्टेंट-ग्राफ्ट कैथेटर के माध्यम से एन्यूरिज्म क्षेत्र में डाला जाता है, जिससे रक्त प्रवाह को एन्यूरिज्म से बाहर निकालने में मदद मिलती है।

कैथ लैब में सुरक्षा और देखभाल: 

कैथ लैब में किए जाने वाले प्रक्रियाएं अत्यधिक विशिष्ट और तकनीकी होती हैं, इसलिए इन्हें अनुभवी चिकित्सकों और तकनीशियनों द्वारा संचालित किया जाता है। रोगी की सुरक्षा और आराम के लिए, कैथ लैब में उच्चतम स्तर की स्वच्छता और स्टरलाइजेशन मानकों का पालन किया जाता है। इसके अलावा, रोगी की स्थिति की निगरानी के लिए उन्नत इमेजिंग और मॉनिटरिंग उपकरणों का उपयोग किया जाता है।

निष्कर्ष:

कैथेटराइजेशन प्रयोगशाला आधुनिक चिकित्सा क्षेत्र में एक अत्यंत महत्वपूर्ण संस्थान है जो हृदय रोगों के निदान और उपचार में क्रांतिकारी परिवर्तन ला रहा है। जैसे कि जोधपुर में स्थित जीत हॉस्पिटल में उपलब्ध उन्नत कैथ लैब सुविधाएं, रोगियों को उच्चतम मानक की चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर रही हैं। इससे न केवल उपचार की सफलता दर में वृद्धि हुई है, बल्कि रोगी की रिकवरी की गति भी तेज हुई है। इस प्रकार, कैथ लैब की सुविधाएं और प्रक्रियाएं हृदय रोगों के प्रबंधन में एक अभिन्न भूमिका निभा रही हैं। अधिक जानकारी के लिए आप जीत हॉस्पिटल में 9950059980 संपर्क कर सकते है। 

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